मेरे बिना तुम प्रिया.. दिखा कर सपने तुम कहां जाओगी? हर पल, हर सांस में तुम मुझे ही पाओगी। दिल्लगी तोड़ने पर, फिर भी तुम्हें शुक्रिया, कैसे रहोगी मेरे बिना तुम प्रिया? दिन के वह चैन, रातों की वह बेचैनी, कैसे भूलाओगी, हे मृगनैनी। जब- जब दिया शुकून दिल को तुम्हारी प्रतिक्रिया, कैसे रहोगी मेरे बिना तुम प्रिया? हे परम गुणी, हे मेरे दिल की रानी। याद तुम्हें जरूर आएगी, मेरी नादानी। कैसे, कातिल बन जख्म दिल को दिया? कैसे रहोगी मेरे बिना तुम प्रिया? नतमस्तक हूं मैं तुम्हारे आगे उद्धार करो, दिल में छुपा लूंगा, मेरे लिए तुम सोलह श्रृंगार करो, जाने कौन झूठे सपने में तुझे उड़ा दिया। कैसे रहोगी मेरे बिना तुम प्रिया? -राजेन्द्र कुमार मंडल रामविशनपुर, राघोपुर (सुपौल) Email-ratneshwriter@gmail.com ©Rajendra Kumar Ratnesh #मेरे #बिना #तुम #प्रिया..... #Moon