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//रहमतों की रात// 🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀 नक्शे - फ़ना

//रहमतों की रात//
🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀

नक्शे -  फ़ना  नज़र  आ  रहे  होठों पर दुआ आई है।।
त्राहि  - त्राहि लोग कर रहे होठों पर फरियाद आई है।।


इत्लाफ-रात-ए-आज़र्दाह की खुशनुमा सुबह आई है।।
दीद-ए-बे ख्वाब थे सुकून भरी नींद की बक्श आई है।।


आब - ए -आईना लिए आज रहमतों की रात आई है।।
इंतजार ए हकीकत ए ख्वाब हुए बरकत की रात आई है।।


अब तलक ज़ब्त-ए-फुगां थे अब जश्न की रात आई है।।
महव-ए-दुआ थे नूर-ए-खुदा ए इनायत की रात आई हैं।।


नफ़ंस  ओ  इफ़्फ़त ' रोज़ी' नवाज़िशों की रात आई है।।
रक़ीब को लगा गले  के पुर-नूर मुरव्वत फ़रहत दरमां रात आई है।‌। नक्शे -  फ़ना:  मौत के चिन्ह
इत्लाफ-रात-ए-आज़र्दाह: दुखों की रात का नाश
दीद-ए-बे ख्वाब: जागती आंखें
आब - ए -आईना: दर्पण की चमक
इंतजार ए हकीकत ए ख्वाब: ख्वाबों का हकीकत में बदलने का इंतजार
ज़ब्त-ए-फुगां: मातम करने वाला
महव-ए-दुआ: दुआ में लीन
नूर-ए-खुदा ए इनायत: खुदाई रोशनी की मेहर
//रहमतों की रात//
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नक्शे -  फ़ना  नज़र  आ  रहे  होठों पर दुआ आई है।।
त्राहि  - त्राहि लोग कर रहे होठों पर फरियाद आई है।।


इत्लाफ-रात-ए-आज़र्दाह की खुशनुमा सुबह आई है।।
दीद-ए-बे ख्वाब थे सुकून भरी नींद की बक्श आई है।।


आब - ए -आईना लिए आज रहमतों की रात आई है।।
इंतजार ए हकीकत ए ख्वाब हुए बरकत की रात आई है।।


अब तलक ज़ब्त-ए-फुगां थे अब जश्न की रात आई है।।
महव-ए-दुआ थे नूर-ए-खुदा ए इनायत की रात आई हैं।।


नफ़ंस  ओ  इफ़्फ़त ' रोज़ी' नवाज़िशों की रात आई है।।
रक़ीब को लगा गले  के पुर-नूर मुरव्वत फ़रहत दरमां रात आई है।‌। नक्शे -  फ़ना:  मौत के चिन्ह
इत्लाफ-रात-ए-आज़र्दाह: दुखों की रात का नाश
दीद-ए-बे ख्वाब: जागती आंखें
आब - ए -आईना: दर्पण की चमक
इंतजार ए हकीकत ए ख्वाब: ख्वाबों का हकीकत में बदलने का इंतजार
ज़ब्त-ए-फुगां: मातम करने वाला
महव-ए-दुआ: दुआ में लीन
नूर-ए-खुदा ए इनायत: खुदाई रोशनी की मेहर
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