छत्रों का दर्द ... #लॉकडाउन और #कोचिंग-स्कूल फ़ीस... आज फिर छत्रों का दर्द लेकर आपलोगो के सामने उपस्थित हुआ हूं। आज बात करूंगा उन सारे शिक्षण संस्थान जहाँ अपने उज्जवल भाविष्य का सपना ले कर बच्चे पढ़ने आते है ऐसे संस्थान तमाम छोटे- बड़े शहरों में बक्सर, पटना ,बनारस आदि जगहों पे मिलेंगे । मगर आज हम खास तौर पे बात करेंगे बक्सर की जहाँ 90% बच्चे गाँवों से पढ़ने के लिए आते है जो गरीब किसान मजदूर के बच्चें होते है जैसा की मैं कल के पोस्ट में छत्रों और उनके परिवार वालो के दुख के बारे में थोडा जिक्र किया था।आज सबसे बडी समस्या छत्रों पे रूम किराया और कोचिंग फीस को लेकर है जो मैं कल के पोस्ट में रूम किराया के बारे में छत्रों का दर्द आपलोगो तक पहुँचाया। लेकिन आज बात करेंगे कोचिंग फ़ीस को लेकर बक्सर में तमाम कोचिंग सेंटर है जैसे- नेशनल कोचिंग सेंटर (मुकेश मल्होत्रा), राज कोचिंग सेंटर(राजेश चौबे),रामानुजन क्लासेज (अरविंद सर),पाटलिपुत्रा (मनीष तिवारी), रामविहारी सर, प्रदीप पाठक, संतोष सर,अभिषेक दुबे, इत्यादि , न जाने कितने शिक्षक है जो छत्रों का जीवन सवारने का काम करते है कुछ छत्रों का कहना ये भी है कि नया सेशन शुरू करने के लिए बच्चे पैसा पहले ही पैड कर चुके है और कुछ का कहना है जो गांव चले गए है उनके पास पैसा नही है जिससे पुनः बक्सर आ कर रूम किराया और कोचिंग फ़ीस जमा कर सपने को मंजिल तक पहुँचाने का सपना पूरा कर सके। और कुछ निजी स्कूल है जो ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे है उनसे कुछ खास फायदा हो नही रहा।और बच्चे अच्छे से समझ भी नही पा रहे है लेकिन फीस के लिए बार बार दबाव बनाया जा रहा है कि फीस जामा नही करने पे उनका नाम काट दिया जाएगा।। थोड़ा तो रहम कर लो साहब बक्सर में रिक्शा चालक, किसान,मजदूर के बेटे बेटी ही है किसी का काम कोरोना काल मे नही चला तो पैसा आखिर कहा से दे पाएंगे। मैं छत्रों की तरफ से बार बार बिनती करता हु । की बक्सर के शिक्षक छत्रों का दर्द को समझे , हौशला को कम न होने दे , उनके सपने पैसा के बिना चकना चूर नही होने देंगे ऐसा massage छत्रों के बीच मे दे, मैं चाहता हु इस दुःखद घड़ी में पूरा भारत एक संग हो कर लड़ रहा है चाहे डॉक्टर हो,चाहे पुलिस कर्मी, चाहे सफाई वाला हो या दुकानदार सब इस लड़ाई में कदम से कदम मिला कर खड़े है इस लड़ाई में हमे याद है विलेन का किरदार निभाने वाले #सोनुसूद आज पूरे देश में हीरो हो गए है गरीबो की मदद कर उनके लिए दिल मे अपने लिए जगह बना लिए। इस लड़ाई में सर आपलोगो भी एक कदम अपने तरफ से बढ़ाइए और वादा कीजिये जितना हो पायेगा छत्रों को आपलोग मदद करेंगे, कमेंट में लिखे जरूर आप की हम छत्रों के साथ खड़े है जितना हमसे हो पाता है हम छत्रों के लिए करेंगे। ज्यादा नही तो पूरे कोरोना काल का फीस का आधा कर दीजिए जिससे दोनों के हक में फैसला हो जाएगा। मैं ये नही कहूंगा कि आपलोग फ्री में पढ़ाइए क्योकि कुछ शिक्षक ऐसे भी है जो किराए पे मकान लेकर पढ़ाते है और अपना जीवन-यापन करते है लेकिन जितना हो पाता है उतना जरूर कीजिये।।। मैं कॉमेट में आप सब का रिप्लाई का इंतज़ार तहे दिल से करूंगा। मुझे उम्मीद नही बल्कि पूरा विस्वास है कि हम सभी छत्रों के हक में फैसला करेंगे। आपके एक कदम बढ़ाने से हजारों छत्रों के आंखों में खुशी की लहर दौड़ उठेगी , फिर से भारत मुस्कुराएगा सबके चेहरे से मास्क हट जाएगा। सब मिलकर एक धुन में गायेंगे भारत महान है महान ही कहलायेगा।। By-kaushal kaushik #CupOfHappiness #student #coching #drd