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साथी लिखूं या दोस्त, या मन्जर लिखूं तुझे। झील लिखू

साथी लिखूं या दोस्त, या मन्जर लिखूं तुझे।
झील लिखूं, नदी लिखूं या समंदर लिखूं तुझे।
लाखों बार उठाया क़लम तुझे कुछ लिख नही सका,
फिर आया ख्याल दिल के ही अन्दर लिखूं तुझे॥

©Rizwan Ahamad Faizi #साथी लिखूं या #दोस्त, या मन्जर लिखूं तुझे।
झील लिखूं, नदी लिखूं या समंदर लिखूं तुझे।
लाखों बार उठाया क़लम तुझे कुछ लिख नही सका,
फिर आया #ख्याल #दिल के ही अन्दर लिखूं तुझे॥
#SAD #Love #viral #Rizwan_Ahamad_Faizi #रिज़वान_अहमद_फैज़ी 
#OneSeason
साथी लिखूं या दोस्त, या मन्जर लिखूं तुझे।
झील लिखूं, नदी लिखूं या समंदर लिखूं तुझे।
लाखों बार उठाया क़लम तुझे कुछ लिख नही सका,
फिर आया ख्याल दिल के ही अन्दर लिखूं तुझे॥

©Rizwan Ahamad Faizi #साथी लिखूं या #दोस्त, या मन्जर लिखूं तुझे।
झील लिखूं, नदी लिखूं या समंदर लिखूं तुझे।
लाखों बार उठाया क़लम तुझे कुछ लिख नही सका,
फिर आया #ख्याल #दिल के ही अन्दर लिखूं तुझे॥
#SAD #Love #viral #Rizwan_Ahamad_Faizi #रिज़वान_अहमद_फैज़ी 
#OneSeason