कैसे कहु मैं तुम्हें मेरे लिए तुम क्या हो, दिल की धड़कन हो हर आती जाती श्वास हो, रूठ जाये जो तू कभी तो जमाना रूठा लगता है, हँस दे जो तू कभी तो आसमा खिलखिला उठता है! कैसे कहु मैं तुम्हें मेरे लिए तुम क्या हो, राधा हो मीरा हो कान्हा जो करे वो रचित रास हो, स्वप्न हो साकार हो सुबह हो या नशीली शाम हो, इश्क़ का होश हो तुम या मोहब्बत का पहला जाम हो, कैसे कहु मैं तुम्हें मेरे लिए तुम क्या हो! #nileshgendare #ishq #shayari #nojotohindi #poem