जब भी मेरा दिल तुम्हें गले से लगाने का होता है .. सोचती हूँ ! कि कसकर अपने गले से लगा लू , लेकिन तुम मुझे धीरे से ही लगाना ... क्योकिं मै यह भी जानती हूँ , कसकर पकडी हुई चीज हाथ से उसी तरह निकल जाती हैं! .. जिस तरह मुठ्ठी से रेत ... jagrati sharma my love