कहाँ रहे अब वो परिवार, जहाँ मिलजुल रहते थी पुस्ते हज़ार, अब तो मियां बीबी में बट कर रह गया परिवार, माँ बाप बूढ़े हुए तो छोड़ दिया वृद्धाश्रम, अब काहे का सुखी परिवार, रोज़ का झगड़ा रोज़ की किट किट, नही रहा घर बार, काहे रे बन्दे क्या सोचता कहाँ लोट कर जाऊ, अब भी वक़्त है वक़्त रहते अपना परिवार बनाऊ।। प्रिय परिवारजनों को अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। परिवार मनुष्य का आधार है। यह बात क्या हमें ख़ुशी से भर देने के लिए काफ़ी नहीं कि हमारे सुख दुख में कोई सदा हमारे साथ है। Collab करें YQ Didi के साथ। लिखें या रिकॉर्ड करें। अपने प्यारे परिवार के लिए। #मेरापरिवार #yqdidi #yqbaba