एक शाम तेरे पास बैठूं और खो जाऊँ । बस उसी पल से मैं तेरा हो जाऊँ । तू रूठ जाया कर मना लूंगा तुझे । कुछ ऐसा वैसा मत करना की मैं रो जाऊँ । #अमित_शुक्ला #कवी_अमित_शुक्ला #शायरी