#मैं एक लड़की हूँ घरों के बन्द दरवाजो के पीछे कमरे की दीवारों पर एक नाजुक सी खिड़की हूँ क्योंकि मैं एक लड़की हूँ हवाओं के झोंको से टकराकर भड़भड़ाती, खड़खड़ाती हूँ में अक्सर बन्द दरवाजो के पीछे ही शोर मचाती हूँ मेरी अवाज़ को ही नहीं,मेरे वजूद को भी कैद किया है मेरे फूलों भरे दामन को ऐबो से भर दिया है हर बात पर रोका,हर बात पर टोका गया बे वजह बे गुनहा जलती आग में झोंका गया मै खामोशी से भी घर आँगन में चह-चहाती हूँ में अक्सर बन्द दरवाजो के पीछे ही शोर मचाती हूँ क्योंकि मैं एक लड़की हूँ मुझे दायरो में बाँधा गया मेरे विचारों को दीवारों की खूटी पर टांगा गया जब भी मैंने अपनी आवाज को तेज करना चाहा अपने विचारों को समाज में धरना चाहा जब भी मैंने कमरे से बाहर निकलना चाहा लोगों ने मुझे खामोश करना चाहा मैं तो इतने अत्याचारों के बाद भी खामोशी से मुस्कुराती हूँ में अक्सर बन्द दरवाजो के पीछे ही शोर मचाती हूँ मुझे सारे नियम कानून सिखाये गये सारे वसूल मेरे लिए ही तो बनाये गये मुझे अ आज भी कोख मे मारा जा रहा है आने वाले भविष्य को अन्धकार में डाला जा रहा है इन्हें क्या पता मैं उस भगवान का स्वरूप हूँ ईश्वर का प्रतीक देवी का रूप हूँ उस देवी की ज्योति बन कर अंधकार मिटाती हूँ में अक्सर बन्द दरवाजो के पीछे ही शोर मचाती हूँ आरती के रूप में बजती हूँ देवी के रूप में सजती हूँ उसकी ज्योति की ज्वाला से उठता हुआ धुआँ हूँ संसार में फैला बदल के रूप में असमां हूँ सारे जग मे पूजी जाती हूँ फिर भी अक्सर सड़कों पर भटकती सी नज़र आती हूँ मैं अकेले में बैठ मन ही मन बुदबुदाती,बड़बड़ाती हूँ क्योंकि मैं अक्सर बन्द दरवाजो के पीछे शोर मचाती हूँ मैं जब भी बेबाक भड़की हूँ लोगों ने मुझे हमेशा बस यही समझा है की मैं घरों के बन्द दरवाजो के पीछे कमरे की दीवारों पर बस एक नाजुक सी खिड़की हूँ क्योंकि मैं एक लड़की हूँ #IITKAVYANJALI