हाँ झूठ ही तो है... तुझे एक मरतबा देखने की आस में मेरा, तेरी गली के नुक्कड़ पर आकर खड़े होना रातों को गहरी नींद में भी मेरा, तेरा नाम को बड़बड़ाते रहना खाने का निवाला तोड़ने से पहले, तुझे याद कर मेरी आँख का भर आना ख्वाब में तुझे मुझसे दूर होता देख, मेरा चौंक कर नींद से जाग जाना तेरी याद में मेरा बेहिसाब रोते-रोते, मेरी साँस का बीच में अटक जाना तुझसे बात करने के इंतजार में मेरा, तेरी मर्जी का हमेशा इंतजार करना तेरी Absence में बैठकर अकेले मेरा, तुझे महसूस कर तुझसे ढेरों बातें करना और तुझे पाने की तड़प में हर रोज मेरा, बिन आवाज निकले चीख-चीखकर रोना हाँ, सब झूठ ही तो है.... ©Ka'jal' Agrawal✍ ''झूठ'' by Ka'jal' Agrawal || the_creative_poetess || thoughts_shayri_story #writer #shayri #Thoughts #Emotion #Poet #poetess #lekhika