वो देख कर मुस्कुरा दिया अभी अभी.. मंज़िल का रास्ता मिला अभी अभी..!! तितलियाँ के चेहरे चमक उठे.. फूल खिलने लगे चमन में अभी अभी..!! अंधेरी रात में अचानक से रोशनी हुई.. चाँद छत पे उतर आया अभी अभी..!! उदासी बह गई आंखों के रास्ते होकर.. कोई बिछड़ा नज़र आया अभी अभी..!! ©Yash Khandelwal #यश #ग़ज़ल #Books