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वो बस नीचे जाने के लिए मुड़ी तभी ...phn की आवाज़ आई

 वो बस नीचे जाने के लिए मुड़ी तभी ...phn की आवाज़ आई 
' hello mummy आज भूख लग रही हैं bhut कुछ बना देना , हम आधे घंटे में पहुंच rhe हैं ' ....archu को ध्यान आया बच्चे कोचिंग से आने वाले हैं समय हो गया हैं ....उसने एक पल भी गंवाए बिना अपनी पर्स उठा ली ...lock किया घर को ...और तेज़ कदमों से चल पढ़ी ...दिमाग में तैयारी शुरू हो गईं ...क्या बनाना हैं ....कितना ...घर वालो को क्या khna हैं .....और मोड़ तक पहुंच गईं ...भैया एक किलो गोभी तौल देना देख कर मैं बस दस min.में आई ....और आगे बढ़ गईं ....बस जल्द से जल्द उस बच्ची तक पहुंचना था उसे ....जैसे ही सड़क पर पहुंची देखा एक bike पे दो अधेड़ उम्र के व्यक्ति हैं जो उस बच्ची से बात कर rhe हैं ....रिश्तेदार होंगे शायद ...archu ने ख़ुद को बहलाया पर ...उसे मालूम था khi ना कही ...वो बच्ची सुरक्षित नही हैं अब वहां ...क्या करें पुलिस को phn करें ...नही इस वक्त नही रात हो चुकी थी और थाने में अकेली बच्ची को छोड़ना उचित नही ....उस वक्त archu के अन्दर जैसे सारी दुनिया की समझदारी आ गईं थी ....सड़क पार करते तक वो निश्चित कर चुकी थी ...वो बच्ची जो भी हो....जहां भी रह्ती हो ...आज रात उसके साथ ही रहेगी घर पर ....चाहे घर पे पती नाराज़ हो , सास या बच्चे ...उनकी नाराज़गी उस बच्ची की ज़िन्दगी , उसकी अस्मत से बड़ी नही हो सकती ....(तुरंत फैसला लेना का वरदान होता हैं एक नारी के पास )
सुनो कब से यहां खड़ी हो __archu 
मैम , वो हम पापा का इंतज़ार कर रहें हैं ___बच्ची 
पापा का ?   archu स्तब्ध हो गईं , दिल बैठ सा गया उसका ....वो समझ गईं उस बच्ची को वहां छोड़ा गया हैं ...मरने के लिए ....जानवरों के बीच ...और वो मासूम ...कभी समझ नही पाएगी इस बात को ...
सुनो तुम्हरा नाम क्या हैं _____   archu 
मैम @@@@@@_____बच्ची 
ok ...सुनो मैंने अपने घर की बालकनी से देखा तुम्हें काफ़ी देर से खड़ी हो शायद यहां ....तुम्हारे पापा ने बताया ...कब तक आएंगे वो ...archu
 वो बस नीचे जाने के लिए मुड़ी तभी ...phn की आवाज़ आई 
' hello mummy आज भूख लग रही हैं bhut कुछ बना देना , हम आधे घंटे में पहुंच rhe हैं ' ....archu को ध्यान आया बच्चे कोचिंग से आने वाले हैं समय हो गया हैं ....उसने एक पल भी गंवाए बिना अपनी पर्स उठा ली ...lock किया घर को ...और तेज़ कदमों से चल पढ़ी ...दिमाग में तैयारी शुरू हो गईं ...क्या बनाना हैं ....कितना ...घर वालो को क्या khna हैं .....और मोड़ तक पहुंच गईं ...भैया एक किलो गोभी तौल देना देख कर मैं बस दस min.में आई ....और आगे बढ़ गईं ....बस जल्द से जल्द उस बच्ची तक पहुंचना था उसे ....जैसे ही सड़क पर पहुंची देखा एक bike पे दो अधेड़ उम्र के व्यक्ति हैं जो उस बच्ची से बात कर rhe हैं ....रिश्तेदार होंगे शायद ...archu ने ख़ुद को बहलाया पर ...उसे मालूम था khi ना कही ...वो बच्ची सुरक्षित नही हैं अब वहां ...क्या करें पुलिस को phn करें ...नही इस वक्त नही रात हो चुकी थी और थाने में अकेली बच्ची को छोड़ना उचित नही ....उस वक्त archu के अन्दर जैसे सारी दुनिया की समझदारी आ गईं थी ....सड़क पार करते तक वो निश्चित कर चुकी थी ...वो बच्ची जो भी हो....जहां भी रह्ती हो ...आज रात उसके साथ ही रहेगी घर पर ....चाहे घर पे पती नाराज़ हो , सास या बच्चे ...उनकी नाराज़गी उस बच्ची की ज़िन्दगी , उसकी अस्मत से बड़ी नही हो सकती ....(तुरंत फैसला लेना का वरदान होता हैं एक नारी के पास )
सुनो कब से यहां खड़ी हो __archu 
मैम , वो हम पापा का इंतज़ार कर रहें हैं ___बच्ची 
पापा का ?   archu स्तब्ध हो गईं , दिल बैठ सा गया उसका ....वो समझ गईं उस बच्ची को वहां छोड़ा गया हैं ...मरने के लिए ....जानवरों के बीच ...और वो मासूम ...कभी समझ नही पाएगी इस बात को ...
सुनो तुम्हरा नाम क्या हैं _____   archu 
मैम @@@@@@_____बच्ची 
ok ...सुनो मैंने अपने घर की बालकनी से देखा तुम्हें काफ़ी देर से खड़ी हो शायद यहां ....तुम्हारे पापा ने बताया ...कब तक आएंगे वो ...archu