प्यार में दर्द पर,दिल से सवाल क्या दिल हैं आपका,आप से मलाल क्या आप भी खता-वार हैं जो हम गुनहगार हैं इश्क़ का गुनाह करवाने वाला ये सादगी क्या हैं,ये हैं जमाल क्या जिंदगी ने जो भी फूल खिलाए पल भर में वो मुरझाए कितनी मुख़्तसर थी आपका साथ मालूम नहीं हुआ,होता हैं विसाल क्या सोच कर रूह भटक रही हैं मेरे बिन हर मंजर क्यों उन्हें खटक रही हैं जिंदगी जो ना कर पाई भला मौत में था ऐसा कमाल क्या #ख़्याल#तुम