Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरी नज़र को अब भी तेरी आस बंधी है। साँसों की हर ड

मेरी नज़र को अब भी तेरी आस बंधी है।
साँसों की हर डोर से तेरी प्यास बंधी है।
मुमकिन नहीं है दूरी कभी तेरे ख़्यालों से-
जब ज़िन्दगी तेरी यादों के पास बंधी है।

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

©Mithilesh Rai #Loneliness
मेरी नज़र को अब भी तेरी आस बंधी है।
साँसों की हर डोर से तेरी प्यास बंधी है।
मुमकिन नहीं है दूरी कभी तेरे ख़्यालों से-
जब ज़िन्दगी तेरी यादों के पास बंधी है।

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

©Mithilesh Rai #Loneliness