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City एक मुसलमाँ की चोट की दवा तो हिन्दू के ज़ख्म पे

City एक मुसलमाँ की चोट की दवा तो हिन्दू के ज़ख्म पे मरहम भी है,
लख़नऊ महज़ शहर नहीं; हर एक बाशिंदे का महरम भी है।
-क़ाफ़िर लखनऊ। 🖤
City एक मुसलमाँ की चोट की दवा तो हिन्दू के ज़ख्म पे मरहम भी है,
लख़नऊ महज़ शहर नहीं; हर एक बाशिंदे का महरम भी है।
-क़ाफ़िर लखनऊ। 🖤
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Qaafir

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