एक काम कर तू, अब ख़त्म कर रोज की लड़ाई को अब कुछ भी नहीं रहा बाकी रोज की सुनवाई को। रिश्तों में कुछ बचा नहीं है, सब बस एक दिखावा है तो क्यों ना दोनों रज़ामंदी से मिटा दें इस खाई को। बंध रहना, घुटते रहना कब तक काम कर पाता है एक दिन तो फंगस लग ही जाती है रखी मिठाई को। सबकी पहचान अपनी, सबकी अपनी जरूरत है कोशिश कर लो बदल ना पाओगे इस सच्चाई को। चलो बहा देते हैं रिश्ते और यादों को गंगा यमुना में बस एक ही काम बचा है रुखसत और विदाई को। बोझ बने जब अपने नाते फिर उसका कोई मोल नहीं क्या मतलब है हम बढ़ाते जाए दुःखों की शहनाई को। #kumaarsthought #kumaar2020 #ladai #सुनवाई #खाईं #सच्चाई #मिठाई एक काम कर तू, अब ख़त्म कर रोज की लड़ाई को अब कुछ भी नहीं रहा बाकी रोज की सुनवाई को। रिश्तों में कुछ बचा नहीं है, सब बस एक दिखावा है तो क्यों ना दोनों रज़ामंदी से मिटा दें इस खाई को। बंध रहना, घुटते रहना कब तक काम कर पाता है