अभी खुद को इतना बदलना है... इस राह में बस अकेले ही चलना है.. किसी को कोई तकलीफ़ न देना है.. मुश्किलों से बस लड़ते ही रहना है... बस हार को जीत में ही बदलना है... जिंदगी को कुछ इस तरह से जीना है... इस राह में बस अकेले ही चलना है... अपनों से कोई उम्मीद न रखना है.. जगे उम्मीद जो कोई उसे बस दाब रखना है.. रिश्ते निभा सको अगर उन्हें तब ही समझना है.... अब खुद को इस तरह बदलना है... इस राह में बस अकेले ही चलना है।। ©bhawna gupta अभी खुद को इतना बदलना है... इस राह में बस अकेले ही चलना है.. किसी को कोई तकलीफ़ न देना है.. मुश्किलों से बस लड़ते ही रहना है... बस हार को जीत में ही बदलना है... जिंदगी को कुछ इस तरह से जीना है... इस राह में बस अकेले ही चलना है... अपनों से कोई उम्मीद न रखना है..