वो तेरे घर भी है, वो मेरे घर भी है, हर एक मलबे में, कुछ जेवर भी है, रात भर है भटकता, चांदनी के लिये, बस ये आशिक़ नहीं, चाँद बेघर भी है..!! फिर से चाँद पर लिखने की एक कोशिश......✍💕 मुक्कमल करना आपका कम है.... #udquotes #udshayari #चाँद #मलबा #आशिक़