बंसुरी बजावत कदमन की छय्या। कालिया पर नृत्य करत ता ता थय्या। मो पै डारे रंग गुलाल हाय दय्या सुन री मय्या डारि गयो रंग मो पै गोकुल कौ बाँवरा। नन्द बाबा कौ लाडलो श्याम साँवरा। ©ऋतुराज पपनै #बंसुरी #हरे_कृष्णा #braj_languge_writing