इन ख़ानाबदोशों के आगे मैं मरता रहता हूँ, मिटकर उजागर मैं होता रहता हूँ, अगर मेरे पुराने ज़माने के साथी मेरा मुल्क़ नहीं चल सके । मैं तो फिर भी बच्चा हूँ, भारी सभा में होकर भी सच्चा हूँ इसलिए ही तो बार बार मैं दरकिनार होता हूँ साहब और साहिबान में ऊपर से ही आँखों के पुतलियों पर हूँ मैं न चाहते हुए भी क्यों तंज़गारों और कुछ भी कहने लिखने वालों पे हँसता हूँ हुनरबाज़ी है तो अच्छी दिखा ए कहलाने वाले लेखक यहाँ के, मैं साहित्य और कला या फिर दूसरे अनावश्यक ही कलाकारों पे क्यों बेवज फिक्र करता हूँ, मैदान कोई भी हो आज मैं सबसे खेलता हूँ, जो समझें हैं कि आखिर उन्हें क्या पता की उल्टा पलटवार सिर्फ वो करते हैं उन बेवकूफों पे मैं क़त्ल कर दो पैग़ाम ये लिखता हूँ न कर ए शायर ए लेखक ए कहानीकार के वो देख रहा है तेरे लिखे जोखे को भी वो जोख रहा है जिसदिन वो पलटवार कर देगा ज़िन्दगी में असल में उसदिन तेरी सोच को भी सोचने का मौका न मिलेगा में आज ये सबसे कहता हूँ । तुमसे प्यारा कोई नहीं... #तुमसेप्यारा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi