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जब मैं बच्चा था सब अच्छा था ना टेंसन था ना ख्वाइश

जब मैं बच्चा था सब अच्छा था 
ना टेंसन था ना ख्वाइश थी
बस खेल कूद ही च्वाइस थी
किसी बात का फिकर कहाँ 
मैं सीधा साधा बच्चा था
समय दिन पे दिन बढ़ता गया 
मैं मेहनत कर के पढता गया
फिर पढ़ लिख कर मैं पास हुआ
ना जाने क्या एहसास हुआ
जॉब का नामो निशा नही
बस काम को करना हाँ ही था
फिर किस्मत ने यू मोड़ लिया
सब सपने सारे टूट गए 
पैसे के पीछे दौड़ लिया
मजदूरी एक मजबूरी थी
 पैसा भी बहुत जरूरी था

जब मैं बच्चा था
सब अच्छा था
न टेंसन था ना ख्वाइस थी
बस खेल कूद ही चॉइस थी

©Ravindra Kumar #हमारीअधूरीकहानी