ठोकरें खाकर जहाँ की जो संभल ना पाएगा, वक्त की कीमत न पहचानी तो फिर पछताएगा। मानते हैं ज़िंदगी को ज़रूरी सब कुछ नहीं, पर, हवा पानी न मिले तो हर फूल मुरझा जाएगा। ©Minesh chauhan #phool