फायदा कुछ नहीं,कुछ पाने का इस ज़माने में चाहत जिसकी थी हमें,वो था ही नहीं उस खज़ाने में।। कोई ग़म न होता गर तुम सच बोलकर छोड़कर जाती हमे, कोई दम नहीं था तुम्हारे बहाने में।। नफ़रत सी हो गई है,इस प्यार से अब वो अपनापन है ही तेरे सताने में।। कब हंसा हूं पता नहीं, हंसना भूल गया हूं मैं, तुम्हें तो मज़ा आता है न,हमें रुलाने में।। ©Aalesh #aaleshquote #realityoflife #CuteLove #Poetry