तुम मुझे जीने का सलीका सिखाआगे क्या? जब आगे पढ़ना चाहा तुम रोक लिया जब जीन्स पेहेनना चाहा तुमने टोक दिया जब घर की देहलिजे पार की कोशिश की तुमने रोक दिया जब तुम्हारा साथ चाहा तुमने मुह मोड़ लिया जब आँखे उठा कर दुनियां देखना चाहा तुमने टोक दिया और जब किसी अपने ने मेरे साथ गलत किया तुमने मेरे ही गाला घोट दिया और तुम मुझे...... उमंग