मैं उठते उठते संभल जाऊंगा तुमने गिरा तो दिया है ज़ाहिर नहीं की है कोई बात ,मगर एहसान जाता तो दिया है। Arz - ए- Sayed मैं उठते उठते संभाल जाऊंगा तुमने गिरा तो दिया है, ज़ाहिर नहीं की है कोई बात , मगर, एहसान जाता तो दिया है। Arz - ए- Sayed