नाम हिन्दोस्तां के जिनको लिखनी थी अमिट कहानियाँ । चूम कर मौत को वो दे गए अमर कुर्बानियाँ ।। जुल्मों की पराकाष्ठा को भी जो हँसते हुए सह गए । खातिर इस आज़ादी के वो सबकुछ न्यौछावर कर गए ।। रखना पकड़कर तिरंगे की बागड़ोर को अपने कंधों पर। इस देश के सम्मान में अब लड़ना नहीं किसी बात पर।। आज़ादी के शुभ अवसर पर लेना प्रण अब इस बात का। तरक्क़ी के हर पथ पर अब नाम होगा हिंदुस्तान का।। - सुनिल स्वामी #India #jaihind #hindustan #swamiwrites #sunilswami #independenceday2020