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अब तल्ख़ होने लगी है दोपहर, सुबह का चला सूरज, अब पू

अब तल्ख़ होने लगी है दोपहर,
सुबह का चला सूरज,
अब पूरे शबाब पर आने लगा है,
लम्बे होते दिन में,
थकन का भी बसर होने लगा है,
वैसे तुम्हारे होने से,
अहसास न था दिन चलने का,
अब नहीं हो, तो क्या ?
उम्र की धूप से किनारा कर लेता हूँ,
रोकता हु, खुद को कहता हूँ
अब तल्ख होने लगी है दोपहर... #NojotoQuote #Dhunn #Summer #dhup #yaad
अब तल्ख़ होने लगी है दोपहर,
सुबह का चला सूरज,
अब पूरे शबाब पर आने लगा है,
लम्बे होते दिन में,
थकन का भी बसर होने लगा है,
वैसे तुम्हारे होने से,
अहसास न था दिन चलने का,
अब नहीं हो, तो क्या ?
उम्र की धूप से किनारा कर लेता हूँ,
रोकता हु, खुद को कहता हूँ
अब तल्ख होने लगी है दोपहर... #NojotoQuote #Dhunn #Summer #dhup #yaad