वो देख रहे हो! हा, उनकी ही बात है। वो कल भी साथ थे, आज भी साथ है। उम्र बीत जाएगी, हाथ छूट जायेंगे; फिर भी, मन मे जीने की छोटी सी आस है, वो कल भी साथ थे वो आज भी साथ है। कांधे,गर्दन ज़ुक जाएँगे। लाठी भारी हो जाएगी। दिल कमज़ोर होगा! फिर भी, साड़ी तुमपे वो भाएगी! ये उनका अंदाज़ था अपना ये आगाज़ है, कल भी साथ थे वो आज भी साथ है। #dharmuvach✍ #साथ #कलभीरहेगा #कलभीआजभी #आजभी #dharmuvach #बुढापा #यकहिन्दी #हिन्दीकविता