गुज़रता वक़्त! एक लम्बी सड़क, उस पर कदमताल करते बढ़ते.. कुछ उलझे कदम। एक मासूम चेहरा! नादान दिल, आँखों में ख्वाब भरके.. ढूंढते मंजिल। कुछ नासमझ ख़याल! कुछ आधी सच्ची बातें, माथे की शिकन में समेटे.. कुछ धीमी ढलती रातें। एक - एक कर.. कैसे! यूँ गुज़र जाती है राह, गुनगुनाते ज़िन्दगी का अपनी परिधि में कैद.. समय का संगीत। टिक - टिक के स्वर के साथ! सोता घर, सोता शहर.. जागते सपने। और सब कुछ खुद ही में समेटे हम....। Happy new year..🌷 गुज़रता वक़्त! एक लम्बी सड़क, उस पर कदमताल करते बढ़ते.. कुछ उलझे कदम। एक मासूम चेहरा! नादान दिल,