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नारी तुम स्वतंत्र हो, जीवन धन यंत्र हो। काल के कपा

नारी तुम स्वतंत्र हो, जीवन धन यंत्र हो।
काल के कपाल पर, लिखा सुख मंत्र हो।
सुरभित बनमाल हो, जीवन की ताल हो।
मधु से सिंचित-सी, कविता कमाल हो।
जीवन की छाया हो, मोहभरी माया हो।
हर पल जो साथ रहे, प्रेमसिक्त साया हो।
माता का मान हो, पिता का सम्मान हो।
पति की इज्जत हो, रिश्तों की शान हो।
हर युग में पूजित हो, पांच दिवस दूषित हो।
जीवन को अंकुर दे, मां बनकर उर्जित हो।
घर की मर्यादा हो, प्रेमपूर्ण वादा हो।
प्रेम के सान्निध्य में, खुशी का इरादा हो।
रंगभरी होली हो, फगुनाई टोली हो।
प्रेमरस पगी-सी, कोयल की बोली हो।
मन का अनुबंध हो, प्रेम का प्रबंध हो।
जीवन को परिभाषित, करता निबंध हो।

©KhaultiSyahi #Women 
#Woman 
#womanpower 
#womenempowerment 
#womensday2022
#khaultisyahi
#follow4follow 
#like4like
नारी तुम स्वतंत्र हो, जीवन धन यंत्र हो।
काल के कपाल पर, लिखा सुख मंत्र हो।
सुरभित बनमाल हो, जीवन की ताल हो।
मधु से सिंचित-सी, कविता कमाल हो।
जीवन की छाया हो, मोहभरी माया हो।
हर पल जो साथ रहे, प्रेमसिक्त साया हो।
माता का मान हो, पिता का सम्मान हो।
पति की इज्जत हो, रिश्तों की शान हो।
हर युग में पूजित हो, पांच दिवस दूषित हो।
जीवन को अंकुर दे, मां बनकर उर्जित हो।
घर की मर्यादा हो, प्रेमपूर्ण वादा हो।
प्रेम के सान्निध्य में, खुशी का इरादा हो।
रंगभरी होली हो, फगुनाई टोली हो।
प्रेमरस पगी-सी, कोयल की बोली हो।
मन का अनुबंध हो, प्रेम का प्रबंध हो।
जीवन को परिभाषित, करता निबंध हो।

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sallyraand9713

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