मुशलशल याद आती हैं, तेरी रुशवाइयाँ मुझको बहुत उम्मीद टूटी हैं, बतलाऊँ क्या तुझको सफर वीरान इतना था, बड़ी मुश्किल से काटा है, मिलोगी गर मुझे एक दिन, वहीं ले जाऊँगा तुमको कहीं खोया हूँ मैं, तुम तो जानती हो ना? अगर तुम ढूँढ लोगी तो, मैं मिल जाऊँगा तुमको अधूरी नज्म, शेरों, शायरी, कविताएं लिखी हैं कुछ किसी रोज अपनी डायरी, पढ़वाउंगा तुमको #yqquotes #yourquotebaba #yourquotedidi #gajal #najm #ankitwrites