वाह मेरे देश की सरकारों वाह... चेहरे पे तुम उदासी नियत में अपनी पाप लिए बैठें हो मासूम से चेहरों की हसीं तुम उनकी मुस्कान छीन बैठें हो किसी का घर तो किसी की गली तुम मजदूरों का स्वाभिमान छीन बैठें हो मत बनाओ और बेवकूफ इन्हें तुम इन्हीं मासूमों के लिए ही तुगलकी फरमान लिए बैठे हो कहते हो के इनके हमदर्द हो तुम और हलक से निवाला, पेट से आत खींच बैठें हो तुम किस किस का सुनोगे दुखड़ा, और किसकी फरियाद किसी की ओलादे, तो किसी की पूरी दुनिया उजाड़ बैठें हो तुम अरे मियां अब बस भी करो, तुम बस इन्हे जाने दो घर, ये कोई आवाज़ नहीं उठाएंगे , ना जाने कितनों के मुंह से तो जबान खींच बैठें हो तुम🙏 ✍️विकाश जोधपुरी #vikashjodhpuri