देखा था उसे जब पहली दफा क्या थी वो कोई खूबसूरती की मिसाल या थी कोई #अप्सरा स्वर्ग की हा हा शब्दो के इसी जाल में फंसा गई थी वो जब मैंने उससे पूछा कि शब्दों का यह जाल कहां से सीखी हो तो वो अपने ही अंदाज में जवाब दे कर चली गई अनजान शहर की अनजान गलियों में आज की दुनिया में जो प्यार की परिभाषा है उसे वह सिरे से खारिज कर गई थी वो बदले में प्यार की नई परिभाषा बतला गई थी वो हां हां बिल्कुल ऐसी थी वो चेहरे में चमक आखों में प्यार स्वाभाव की नादान और मन की चंचल बिल्कुल इस दुनिया में नई थी वो हा हा मेरा पहला प्यार थी वो यादों की एक सुनहरी पोटली और उस पोटली में यादों को कुछ अपने है अंदाज़ में समेट गई थी वो हा हा मेरा पहला प्यार #Mथी वो.. पहला प्यार#M