Positive changes that Coronavirus has made वह सकारात्मक परिवर्तन जो कोरोनावायरस की वजह से हुए हैं, हांँ आज हम इस बीमारी की वजह से परेशान हैं।हम ही नहीं बल्कि विश्वभर में इस पर चिंता व्यक्त की जा रही है। एक लेखक के तौर पर हम सभी अपने कलम के जरिए इसके बचाव,लक्षण और इस समय मदद करने की बातें कर रहे हैं और करें भी क्यों ना आखिर एक लेखक का कर्तव्य है, समसामयिक घटनाओं पर लिखना समाज में जागरूकता लाना। इस मुश्किल घड़ी में हमारे पास जो सबसे बड़ा हथियार है ,वह है आशा और उम्मीद ।हम इस आशा में हैं कि जो अन्य देशों में हुआ है वह कम से कम हमारे भारतवर्ष में ना हो।इन दिनों हमें आवश्यकता है तो अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने की। मैंने जो अपने आसपास परिवर्तन देखे हैं हालाँकि ऐसा नहीं है कि इनमें नकारात्मक परिवर्तन ना आए हों, मैंने अपने आसपास झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को खाने की तलाश में भटकते देखा है। आए दिन समाचार पत्र में पढ़ती हूँ कि आज यह वाला इलाका सील हो गया कल वह वाला ।आज इतने रोगी बढे़ इतने घटे ।हालाँकि इस दौर में बहुत सारे लोग ऐसे लोगों की मदद के लिए आगे आए । खैर मैं दूसरे मुद्दे पर बात करना चाहूँगी कुछ सकारात्मक परिवर्तन जो हमने अपनी ज़िंदगी में देखे हैं। lockdown से पहले के किसी दिन को याद कीजिए ,कि वह दिन कैसा था शायद बहुत व्यस्तता से भरा हुआ। ऑफिस वाले अपने दिए हुए टास्क पूरा करने की जल्दी में ,विद्यार्थी होमवर्क पूरा करने की होड़ में,आगे आने की होड़ में और भी ना जाने क्या क्या ।लेकिन एक पल के लिए जिंदगी थम सी गई है हम घरों में कैद हैं। हालाँकि वर्क फ्रॉम होम भी है। लेकिन इतने दिनों में जो परिवर्तन मैंने महसूस किए है शायद आप में से भी किसी ना किसी ने किए होंगे ।सबसे पहले तो हमारी प्रकृति में प्रदूषण की मात्रा पहले से काफी कम हो गई है ओजोन परत भी अब ठीक होने लगी है गंगा और यमुना जैसी नदियाँ अब स्वच्छ नजर आती है ।बड़े शहरों में भी अब पक्षियों की चहचहाहट सुनाई दे रही है। कोलाहल से दूर मधुर ध्वनि कानों में पड़ रही है। और सबसे बड़ा परिवर्तन जो आया है वह यह कि आमतौर पर व्यस्त रहने वाला परिवार साथ में बैठकर बातें कर रहा है ।घर के सभी सदस्य एक दूसरे का हाथ बँटा रहे हैं। जिन्होंने शायद घर का काम कभी ना किया हो वह भी आजकल नई चीजें सीख रहे हैं ।चाहे वह खाना बनाना हो या फिर कपड़े धोना।बहुत सी चीजें हैं जो घर में रहकर सीखी जा सकती हैं रचनात्मक एवं सृजनात्मक व्यक्ति आजकल अपनी कला को समय दे रहे हैं।स्केचिंग,पेंटिंग,सिलाई,कढ़ाई,बुनाई,लेखन ऐसे बहुत से कार्य हैं जो हम सालों पहले करते थे, आज जाकर वक्त मिला है उन सब को करने का।जो लूडो कैरम कहीं अलमारियों में बंद थे आज वह बाहर निकल गए हैं। फोन पर लूडो खेलना भी आजकल प्रचलन में है, दूर बैठे अपने रिश्तेदार दोस्तों के साथ लूडो खेलना यह संबंधों को मजबूत बनाने का भी समय है। आजकल बहुत से लोग छतों पर दिखाई देते हैं पिता पुत्र दोनों साथ में योग कर रहे होते हैं। दादी नानी की कहानियाँ जो समय के साथ कहीं गुम हो गई थी ,वह फिर से सुनाई देती है। गार्डनिंग करते हुए भी लोग दिखाई पड़ते हैं। हम भले ही हमारे घरों में कैद हैं मगर आपातकालीन सेवा में लगे इस युद्ध के सिपाही ,चाहे वह पुलिस हो ,डॉक्टर ,नर्स ,मेडिकल स्टोर सफाईकर्मी ,बैंकर ,दूध ,सब्जी-फल,राशन विक्रेता,मीडिया से जुड़े हुए लोग और तमाम वो लोग जो गुमनाम रहकर भी कार्य कर रहे हैं। इन लोगों की इज्जत अब हमारे दिल में दोगुनी हो गई है। जो शायद पहले उतनी न थी। ऐसे बहुत सारे परिवर्तन है जो हमने अपने आसपास ही देखे हैं जो सकारात्मक परिवर्तन हमारी जिंदगी में आए हैं आशा है कि वह बने रहे। भले ही यह वक्त बेहद कठिन है, मगर आशा और उम्मीद तथा सकारात्मकता के साथ हर वक्त को बिताया जा सकता है।