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उसके होठो से मैने शहद गिरते देखा है मैने खुदको उस

उसके होठो से मैने शहद गिरते देखा है 
मैने खुदको उसकी आग़ोश में घिरते देखा है
हा मैने उसे बदलते देखा है
सर्द मौसम में हवा को मचलते देखा है
हां मैने उसे बदलते देखा है
काली घटा को रुख मोड़ते देखा है ,जब लगाया
उसने आखो में काजल तब मैने उसकी खूबसूरती को देखा है
हां मैने उसे बदलते देखा है ।
बादल को भी बरसते देखा है ,उसके शीतल
बदन पर फिसलते उस बूंद को भी देखा है
हां मैने उसे बदलते देखा है ।
चन्द लम्हों में उम्रभर का साथ देखा है ,
उसके सारे वादों को झूठ होते मैने देखा है 
हां मैने उसे बदलते देखा है ।
अपनी सासो में उसका नाम आते देखा है ,
उसकी  रूह को मैने छू कर देखा है
हां मैने उसे बदलते देखा है
हां मैने सब सच होते देखा है...

#__half_poet__ #sab_badalte_dekha_hai
उसके होठो से मैने शहद गिरते देखा है 
मैने खुदको उसकी आग़ोश में घिरते देखा है
हा मैने उसे बदलते देखा है
सर्द मौसम में हवा को मचलते देखा है
हां मैने उसे बदलते देखा है
काली घटा को रुख मोड़ते देखा है ,जब लगाया
उसने आखो में काजल तब मैने उसकी खूबसूरती को देखा है
हां मैने उसे बदलते देखा है ।
बादल को भी बरसते देखा है ,उसके शीतल
बदन पर फिसलते उस बूंद को भी देखा है
हां मैने उसे बदलते देखा है ।
चन्द लम्हों में उम्रभर का साथ देखा है ,
उसके सारे वादों को झूठ होते मैने देखा है 
हां मैने उसे बदलते देखा है ।
अपनी सासो में उसका नाम आते देखा है ,
उसकी  रूह को मैने छू कर देखा है
हां मैने उसे बदलते देखा है
हां मैने सब सच होते देखा है...

#__half_poet__ #sab_badalte_dekha_hai