#adipurushReview#Adipurush#chhandgyaan
बनना राम ना आसान है,रावण सा ना ज्ञानी-ध्यानी।
भ्रातृभक्त ना लक्ष्मण सा है,नहीं हनुमत सा ना विज्ञानी।।
नहीं सरल रामायण चित्रण,अध्ययन गहन करना होता।
तुलसी मानस चौपाई में ,सदा लगाना होता गोता।।
स्वयं ही मनीषी होकर जी,संवाद अदायगी ये कैसी।
नहीं धार अभी लेखनी में,लिख दी है अब तुमने जैसी।।
रावण ने अपने उद्धार के लिए इस जघन्य अपराध को किया था,वास्तव में वो बहुत बड़े विद्वान थे।