एक 'मसीहा'। शेष अनुशीर्षक में पढ़ें।— % & एक बच्चा,जिसे पढ़ने तक का हक नहीं था, किसे पता था की आगे चलकर वो करोड़ों का मसीहा कहलाएगा। तुच्छ सोंच से घिरे इस समाज को विकसित एवं शिक्षित भारत बनाएगा। 14 अप्रैल 1891, वो मसीहा जन्मा था भारत के महू गांव में,