हर रोज सजती संवरती हूं हर रोज तुमसे मिलती हूं हर रोज कुछ बातें करती हूं हर रोज एक सपने बुनती हूं हर रोज एक सवेरा होता हर रोज जग जाती हूं अपने सारे ख्वाबों को हर रोज उसी दुनियां में छोड़ आती हूं!! तेरे सामने होने पर तो कुछ कह ही नहीं पाती और सपनों में ना जाने क्या क्या कह जाती!! #nojoto #nojotohindi #nijotoshayari