सुना है दिल्लगी की दवा भी मिलने लगी है खुलेआम अब बाजारों में। पर इस दवा के खरीददार,दवा को ढूढ़ रहे हैं ब्यूटीपार्लर के दुकानों में। लेकिन मुझे तो दवा मिल गई,टूटे हुए दिल के रोते हुए अहसासों में। अगर तुम्हें भी चाहिए दवा,तो चले जाओ किसी घायल दिल के हवेली में। दिल्लगी की दवा!