प्यार है, कहने और होने में अन्तर है, दिल बहलाने के, सब जैसे मन्तर हैं। वादे कर के भी छोड़ते हैं लोग हाथ, निभाना, न निभाना मन के अंदर है। बना अपना ख़ुदा करते जो इबादत, भूलते वही अपने इश्क़ का मंदर हैं। पहले कहते हैं वो आवाज़ को सुकूँ, बाद में लफ़्ज़ लगते जैसे खंजर है। कैसे और कितना करे यक़ीन 'धुन', उनकी नज़र में दिल जैसे खंडर है। Rest Zone 'मोहब्बत-एक कड़वा सच' #restzone #rztask95 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #rzmph #rzmph225 #वादे