एक सिल-सिले की उम्मीद थी जिनसे, वही फ़ासले बनाते गये, हम तो पास आने की कोशिश में थे, ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये... अतुल कुमार गुप्ता ©Atul Kumar Gupta #Road