हालात ये जिंदगी,हमसफ़र,ह्मन्वीं कितनी जज्बाती होगी,तेरी बेखुदी बड़े सहूलियत से सफर अदा करी रुक्सत तक रुक,वफ़ा की राहें बड़ी तुम ना सलामें तर्ज से,फिरना कभी बड़ी बेआबरू होगी तेरी,मेरी बेसब्री मुझे जीने दो,सफर मंजिल की होगी... Compitition_start 📝📌🔓 अपने हालात-ए-ज़िन्दगी को अल्फ़ाज़ों में ज़ाहिर कीजिए। प्रतियोगिता दो चरणों मे होंगी। 📨📨📨📨📨