#Pehlealfaaz कौन कहता है कि सूखे हुए फूलों में ख़ुश्बू नही होती?! मिल जाएं जो गर कभी भूली बिसरी हुई कॉपी या किताबों में?! पुरानी यादों के गूंचे जैसे फिर से खिल से उठते हैं!! और महका जाते हैं घड़ी भर को फिर से दिल की राहों को!! अनु #शफ़क़✒️ 09/10/2019. #कौन कहता है.....! कौन कहता है कि सूखे हुए फूलों में ख़ुश्बू नही होती?! मिल जाएं जो गर कभी भूली बिसरी हुई कॉपी या किताबों में?!