मेरे विचार होती है दुआ में वो ताकत तकदीर बदल जाती है, देते है सहारा भोले तब जब दुनिया मुकर जाती है। रिश्ते-नाते पैसा-रुपया ये तो बस जीवन का भ्रम है, जब मौत किसी की आती है हस्ती ही बिखर जाती है। बिन बात ही रिश्ते टूट गए कुछ यार पुराने छूट गए, सुनते ही यक़ीन का नाम अब ये "रूह" सिहर जाती है। न सीखा मैंने नियम कोई न लिखने की विधा आती है, भावों की क़लम से ही कविता कागज़ पे उतर जाती है। -रूपल सिंह