सफर। तुम क्या हो, क्या कर सकते हो, तुमसे बेहतर कोई हो नही सकता, तम्मनाओं से परे,अटल रहे अड़े, तुम बेहद जरूरी हो, तुम्हारे जन्म से परे, अब और क्या जिंदगी के सफर में हो सफर में अड़े, न मंजिल की चिंता न हारने का डर, है सफर जो उससे उसे जी लो डटकर। #कुमार किशन #सफ़र