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एक "Raat" निकला सैर को.. मेरे दिल में कुछ अरमान थ

एक "Raat" निकला सैर को..
 मेरे दिल में कुछ अरमान थे
एक तरफ थी झाड़ियाँ.......
........ एक तरफ श्मशान थे!

पैर तले इक हड्डी आई...
...... उसके भी यही बयान थे
चलने वाले संभल कर चलना...
.......... हम भी कभी इंसान थे।
✨✨✨✨✨✨✨✨✨

©अ..से..(अखिलेश).$S....'''''''''!
  #WoSadak Ek Raat...?