कविता अनुशीर्षक में पढ़े I 👇👇👇👇👇👇👇 श्वेतवर्णी कर दिया है, भू को हिमपात से। सूर्य की किरणों से दिखती रजत-सी अभिजात है। कोहरे की आई टोली, सर्द हैं सब, सर्द हमजोली । दिन भी डर से छोटे हो गए,