कुछ तो हालात से कुछ तो अपने वक़्त के मारे हैं, क्या बताएं हम अपनी मुस्कान कहां हारे हैं, एक वक़्त था सितारों से भी ज्यादा, हमारे होने से महफ़िलें जगमगाती थी, क्या बताएं जिंदगी ने हमारी रोशनी के हक़ में, तिरगी के कितने तीर मारे हैं। ©abhishek tiwari #mehefil #Teergi #andhere #roshni #muskan #Shayari #badnaamshayar #randomthoughts #writing #misra