ना जाने कौन सा पहरेदार बिठा रखा है, उसने मेरी रातों की दहलीज पर, मैं रोज बदल लेती हूँ नींदों का रास्ता, और वो रोज मेरे ख्वाबों के सिरहाने आकर बैठ जाता है!! -sakshii🌸 #sakshiwrites #firstonnojoto