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मैं बस तुम्हें ये बताना चाहता हूं,, कि मैं तुमसे क

मैं बस तुम्हें ये बताना चाहता हूं,,
कि मैं तुमसे क्या छिपाना चाहता हूं।
कभी तुम भी तो मुझसे झूठ बोलो,,
मैं बस हां में हां मिलाना चाहता हूं,,
और ये इश्क़ की अमीरी अब तुम्हें मुबारक हो,,
मैं बस खाना,कमाना चाहता हूं।*
तुम मुझे और ज़ख्म दो,,
मैं बस मुस्कुराना चाहता हूं।।*

©Ishwar Dayal Akela 
  #poem !! #Hal_e_dil !!